Friday, November 23, 2018

जिस अफसर से थी AAP की रार, उसी को बना दिया केजरीवाल का 'सिपहसालार'

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) विजय कुमार देव को अब राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. शुक्रवार को विजय कुमार देव ने अंशु प्रकाश की जगह ली, वे सोमवार से अपना कामकाज संभालेंगे. बता दें कि पिछले काफी समय से अंशु प्रकाश के साथ दिल्ली सरकार की अनबन चल रही थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया था.

क्या खत्म होगी रार?

हालांकि, क्या मुख्य सचिव बदल जाने से दिल्ली सरकार के साथ चल रही अनबन खत्म हो जाएगी अभी भी ये बड़ा सवाल बना हुआ है. क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले दिनों फर्जी वोटिंग लिस्ट का मुद्दा उठाया था और चुनाव आयोग के साथ तू-तू मैं-मैं की थी. इस दौरान दिल्ली के चुनाव आयोग की जिम्मेदारी विजय कुमार देव के पास ही थी. यानी ऐसे में एक बार फिर मुख्य सचिव के पद पर वही व्यक्ति आया है, जिससे दिल्ली सरकार की पुरानी रार चल रही है.

कौन हैं विजय देव?

आपको बता दें कि विजय देव एजीएमयूटी कैडर के 1987 बैच के आइएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वे दिल्ली में परिवहन निगम के चेयरमैन, दिल्ली के मंडलायुक्त के साथ अन्य भी अहम पदों पर रह चुके हैं.

टेलिकॉम डिपार्टमेंट भेजे गए अंशु प्रकाश

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी रहे अंशु प्रकाश को टेलिकॉम डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें कि अंशु प्रकाश के साथ हुई कथित मारपीट के मामले के बाद से ही आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के साथ काफी तल्ख रहे हैं.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने बीते दिनों केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि दिल्ली के लाखों लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया है. उनका आरोप था कि ये सभी आम आदमी पार्टी के वोटर थे.

उन्होंने कहा कि मैं वादा करता हूं कि कांग्रेस की सरकार 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर देगी. उन्होंने कहा कि पंजाब-कर्नाटक फोन लगाकर पूछो कि राहुल ने कहा था कि कर्ज माफ करेंगे अब तक किया क्या. जो मैंने इस मंच से बोल दिया वो होकर रहेगा.

कांग्रेस अध्यक्ष ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि ई-टेंडरिंग में 3000 करोड़ रुपये का घोटाला होता है, आज देश में पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन आपका पैसा पीएम से लेकर सीएम तक चोरी किया जा रहा है.

वालों से बोले- अब कान बंद कर लो'

कुछ लोग रैली में बीजेपी का झंडा लेकर पहुंचे तो राहुल ने कहा कि अब मैं राफेल की बात कर रहा हूं, इसलिए आप अपने कान बंद कर लो. उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार ने 526 करोड़ रुपए में राफेल खरीदने का सौदा किया और ये विमान HAL में बनने थे. लेकिन जब मोदी जी फ्रांस गए तो उनके साथ अनिल अंबानी भी गए और वहां पीएम ने 126 की जगह 36 विमान का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया. 526 करोड़ की जगह 1600 करोड़ का विमान लिया और HAL को हटाकर रिलायंस को कॉन्ट्रैक्ट दिया.

उन्होंने कहा कि HAL 70 साल से विमान बना रहा है, कारगिल में जिस विमान से बम गिराए थे वो HAL ने बनाए थे. जिस हेलिकॉप्टर से जाकर सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की, वो HAL ने बनाया था, और मोदी जी ने उनसे कॉन्ट्रैक्ट छीन कर अंबानी को दे दिया.

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